सिनेमा टोक-18, दृश्यम-2, नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-37
सिनेमा टोक-18, दृश्यम-2, नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज
2022 भाग-37
दृश्यम-2
कहा देखने मिल
सकती है : अभी तो केवल सिनेमाघरो में बाद में एमेजोन प्राइम वीडियो
पर देखी जा सकती है|
निर्माण :भूषण कुमार, क्रिशन कुमार, कुमार मंगत पाठक और अभिषेक पाठक
निर्माण संस्था :पेनोरमा
स्टूडियोज, वायाकोम-18
स्टूडियोज और टी-सीरिज फिल्म्स
दिग्दर्शक :अभिषेक
पाठक
संगीत :देवी प्रसाद
लेखन एवम पटकथा
:अभिषेक पाठक और
आमिल कियान खान
वार्ता :जीतू जोसेफ
समय अवधि :140 मिनिट्स
रीलीज :18 नवम्बर 2022
डिस्ट्रीब्यूटर : यशराज फिल्म्स, पीवीआर पिक्चर्स, पेनोरमा स्टूडियोज
बजेट : 50 करोड़
कमाई : अभी तक 330 करोड़
कलाकार:
1. अजय देवगन : विजय सालगावकर
2. श्रिया शरण
: नंदीनी सालगावकर
3. तबु
: मीरा देशमुख
4. अक्षय खन्ना : आई.जी. तरुण अहलावत
5. इशिता दत्ता
: अंजू सालगावकर
6. मृणाल जादव : अनु सालगावकर
7. रजत कपूर
: महेश देशमुख
8. कमलेश सावंत : लक्ष्मिकांत गाईतोंडे
9. सौरभ शुक्ला
: मुराद अली
हेल्लो लेखनी,
आज बात करेंगे दृश्यम-2 फिल्म के बारे में| वैसे यह भी फिल्म मलयालम फिल्म दृश्यम-2 की रीमेक ही है जिस में मोहनलाल ने अभिनय किया था|
वैसे अभी तक आप में से बहुत लोगो ने देख भी ली होगी इसीलिए सब से पहले स्टोरी ही बता देता हु| लेकिन अगर अब तक नहीं देखी है तो दृश्यम भाग 1 पहले देख लेना क्युकी ये दूसरा भाग उस कहानी को आगे ले जाता है|
वार्ता:
दृश्यम के पहले
भाग के अंत में ये दिखाया गया है की विजय ने उस लड़के की लाश उसी पुलिस स्टेशन जहा
पर मीरा देशमुख अधिकारी थी और वो पुलिस स्टेशन नया बन रहा होता है तब फ्लोरिंग के
काम से पहले बिल्डिंग के नीचे लाश को दफ़न किया जाता है| यह काम मध्य रात्री को विजय
कर लेता है इसीलिए किसी को पता ही नहीं है...विजय की फेमिली को भी पता नहीं और न
तो विजय कभी फेमिली या कही ओर भी इस का जिक्र करता है| पुलिस को सपने में भी ये
विचार नहीं आता की जिस लडके को वो ढूंढ रही होती है उस की लाश उसी पुलिस स्टेशन की
बिल्डिंग के नीचे दफ़न है|
अब दृश्यम-2 की कहानी शुरू होती है|
विजय अब केबल के साथ साथ एक थियेटर का मालिक है और एक फिल्म के निर्माण की सोच रहा है| पहले ही दृश्य में फ्लेश बेक दिखाया गया है की विजय जब लाश को ठिकाने लगा रहा होता है तब एक ड्रग्स की चोरी करनेवाला वाला एक गुंडा पुलिस से बचकर उसी वक्त वहा से भाग रहा होता है और विजय को जल्दबाजी में देख भी लेता है| लेकिन उस वक्त उस गुंडे को कुछ मालुम नहीं होता|
7 साल बाद वो गुंडा जेल से रिहा होता है और तब उन्हें पता चलता है की पुलिस आई.जी. अक्षय खन्ना, तबु के कहने पर अभी भी उस लडके की लाश को तलाश कर रहा है| इसीलिए अचानक उसे याद आता है और वो खबरी बनकर पहुच जाता है... क्युकी उसे पैसो की जरुरत है| उधर वैसे भी पुलिस ने अजय देवगन के पडौसी के तौर पर पुलिसवाले खबरी बनाकर रखे हुवे है और अजय देवगन की एक एक चाल पर नजर रखी जा रही होती है| आखिर एक ऐसा क्षण आता है की अजय देवगन को मजबूर होकर, पुलिस के सामने लाइव वीडियो रेकोर्डिंग में अपना जुर्म कुबूल करना पड़ता है| पुलिस स्टेशन का खुदकाम तो उस गुंडे के कहने पर पहले ही कर लिया गया होता है...इसीलिए अपनी बेटी अंजू और पत्नी नंदिनी को बचाने के लिए अजय देवगन सच्चाई बता देता है| लेकिन क्या जुर्म साबित होता है ?....क्या पुलिस स्टेशन के बिल्डिंग के नीचे लाश पाई जाती है? इन सारे सवालों के लिए आप को दृश्यम-2 देखनी ही चाहिए| हा इतना जरुर बता देता हु की दृश्यम-3 की तैयारिया चल रही है| आगे आप सब लोग समजदार है की क्या हुवा होगा|
दृश्यम 2 की कहानी पहले ही बता दी है अब आइये दृश्यम और दृश्यम 2 से जुड़े मुख्य कलाकारों से मिलते है:
1.अजय देवगन : जन्म: 2 अप्रैल 1969, न्यू दिल्ही, हाल आयु: 53 साल|
पिता: वीरू देवगन (फाईट मास्टर), माता: वीणा देवगन (फिल्म निर्माता), भाई और बहने:, नीलम और कविता|, पत्नी: काजोल (विख्यात अभिनेत्री), संतान : न्यासा और युग (जिस कसे नाम से एन.वाय. सिनेमा नाम की डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी चल रही है)|
अजय का मूल नाम ‘विशाल’ है| दूसरा अजय की सरनेम देवगन नहीं बल्कि ‘देवज्ञ’ है
अजय पंजाबी
हिन्दू फेमिली से है| परिवार का मुंबई में हिंदी फिल्म उद्योग से संबंध है। देवगन के पिता, वीरू देवगन, एक स्टंट कोरियोग्राफर और
एक्शन-फिल्म निर्देशक थे और उनकी माँ, वीणा एक फिल्म निर्माता हैं। उनके चचेरे भाई, अनिल देवगन, एक फिल्म निर्माता और पटकथा लेखक हैं। देवगन ने जुहू के सिल्वर बीच हाई स्कूल
से स्नातक किया और फिर मीठीबाई कॉलेज में अध्ययन किया।
‘जिगर’ फिल्म करते समय देवगन ने अभिनेत्री करिश्मा कपूर के साथ एक रिश्ता शुरू किया, हालांकि, इस जोड़ी ने 1995 में अपने रिश्ते को समाप्त कर दिया। उसी वर्ष, अभिनेत्री, काजोल मुखर्जी के साथ देवगन का रिश्ता तब शुरू हुआ, जब वे दोनों फिल्म ‘गुंडाराज’ में साथ काम कर रहे थे| उनके विपरीत व्यक्तित्व के कारण मीडिया ने उन्हें "असंभावित जोड़ी" कहा। 24 फरवरी 1999 को, जोड़े ने देवगन के घर में एक पारंपरिक महाराष्ट्रीयन हिंदू समारोह से शादी कर ली। दंपति के दो बच्चे हैं। उनकी बेटी न्यासा का जन्म 2003 में हुआ था| और उनके बेटे युग का जन्म 2010 में हुआ था। देवगन और काजोल ने गंभीर बीमारी के मामले में स्टेम सेल के स्रोत के रूप में कार्य करने के लिए अपने नवजात बेटे की गर्भनाल रक्त और ऊतकों को संग्रहीत किया। अगस्त 2009 में, देवगन ने अपने परिवार के अनुरोध पर अपने उपनाम DEVGAN (देवगन) की शब्द जोड़नी बदलकर DEVGN (देवज्ञ) कर ली। कुछ अफवाहों की सुने तो अजय की फिल्मे लगातार फ्लॉप हो रही थी तो किसी अंकशास्त्री निष्णांत ने उसे ये सलाह दी थी|
अजय देवाधिदेव महादेव के परम भक्त है और वह एक अभ्यासी शैव हिंदू हैं जो मुख्य रूप से एक रुद्राक्ष पहनते हैं, जो अन्य धार्मिक विषयों के साथ उनकी फिल्मों में दिखाई देता है। देवगन बॉलीवुड की पहला कलाकार था, जिनके पास शूटिंग लोकेशन, प्रमोशन और पर्सनल यात्राओं के लिए परिवहन के लिए एक प्राइवेट जेट था।
1991 में जब देवगन ने बोलीवुड में प्रवेश किया, तो उन्होंने अपना नाम अपने जन्म के नाम विशाल से "अजय" में बदल दिया, क्योंकि विशाल नाम के कई अन्य अभिनेताओं को उसी समय लॉन्च किया गया था, जिसमें मनोज कुमार का बेटा भी शामिल था। उन्होंने ‘फूल और कांटे’ से अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की और ‘बेस्ट डेब्यू मेल हीरो’ के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने उस फिल्म में मधु
(हेमा मालिनी
की भतीजी) के साथ सह-अभिनय किया। ‘फुल और काटे’ फिल्म में अपनी एन्ट्री सीन में, देवगन ने दो चलती
मोटरसाइकिलों के बीच संतुलन बनाते हुए एन्ट्री ली थी|
अक्टूबर 2015 में, देवगन ने अपने बच्चों के बाद उन के नाम से एक विजुअल इफेक्ट्स कंपनी, NY VFXWAALA (एन.वाय. वीएफएक्सवाला) की स्थापना की। यह प्रेम रतन धन पायो, तमाशा, बाजीराव मस्तानी, मर्सल, दिलवाले, फ़ोर्स 2, और सिम्बा जैसी कई प्रमुख फ़िल्मों से जुड़ा रहा है। कंपनी ने फिल्म शिवाय (2016) के लिए 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विशेष प्रभाव का पुरस्कार जीता।
देवगन की प्रोडक्शन कंपनी अजय देवगन एफफिल्म्स (AJAY DEVGN FFILMS) की स्थापना 2000 में हुई थी। कंपनी की पहली फिल्म राजू चाचा (2000) थी|
1999 में उन्हे महेश भट्ट निर्देशित फ़िल्म ‘ज़ख्म’ और 2002 में राजकुमार संतोषी निर्देशित फ़िल्म ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
28 मार्च 2016 के दिन उस समय के भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के हाथो अजय को ‘पद्मश्री’ मिल चूका है|
कई फिल्मो में अजय नेगेटिव यानी विलन का रोल भी कर चुके है...जिस में प्रमुख फिल्म है ‘खाकी’ जिस में अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, ऐश्वर्या राइ, तुसार कपूर ऐसे बड़े कालाकारो के साथ प्रमुख विलन की भूमिका निभाई थी| ऐसी ही दूसरी फिल्म ‘दीवानगी’ जिस में अक्षय खन्ना के सामने खलनायक की भूमिका निभाई थी| 2002 में आई ‘दीवानगी’ के बाद अजय और अक्षय खन्ना दूसरी बार ‘दृश्यम 2’ में 20 साल के बाद साथ काम किया है|
इस फिल्म की ऐक्ट्रेस ‘तब्बू’ अजय के साथ पढ़ी बड़ी हुई है| कोलेज के वक्त तबु के आसपास अजय और उन के दोस्तों ने ऐसा सर्कल बनाकर रखा था की कोई भी तबु के सामने आख उची देखकर चल नहीं सकता था| खुद अजय का कहना है की कोलेज के वक़्त वे खुद ‘गुंडा’ टाइप के थे|
अजय ने निम्नलिखित एवार्ड्स जीते है:
नॅशनल फिल्म
एवार्ड्स:
1998 जख्म बेस्ट एक्टर
2002 ध लीजंड
ऑफ़ भगतसिंह बेस्ट एक्टर
2020 तान्हाजी
बेस्ट एक्टर और बेस्ट पोप्युलर फिल्म जिस ने पूरा एंटरटेनमेंट दिया|
फिल्म फेयर एवार्ड
1991 फुल और
कांटे बेस्ट मेल डेब्यू
2002 ध लीजंड
ऑफ़ भगतसिंह बेस्ट एक्टर इन क्रिटिक्स
2003 दीवानगी
बेस्ट विलेन
बंगाल फिल्म जर्नालिस्ट अवार्ड
1998 जख्म बेस्ट एक्टर
2002 ध लीजंड
ऑफ़ भगतसिंह बेस्ट एक्टर
प्रोड्यूसर्स गिल्ड एवार्ड्स
2009 ओल ध
बेस्ट बेस्ट एक्टर इन कोमिक रोल
जी सिने एवार्ड्स
2003 दीवानगी
बेस्ट एक्टर इन नेगेटिव रोल
स्टार डस्ट एवार्ड्स
2002 फिल्म
‘कंपनी’ के लिए स्टार ऑफ़ ध इयर- मेल
2009 ओल ध
बेस्ट कोमेडी/रोमांस बेस्ट एक्टर
2010 वन्स अपोन
अ टाइम इन अ मुंबई बेस्ट एक्टर थ्रिलर/एक्शन
2017 शिवाय
ब्रेकथ्रू परफोर्मन्स मेल
स्क्रीन एवार्ड्स
1998 जख्म बेस्ट एक्टर
2002 फिल्म
‘कंपनी’ बेस्ट एक्टर
2003 दीवानगी
बेस्ट एक्टर इन नेगेटिव रोल
अमिताभ बच्चन के बाद केवल अजय ही बोलीवुड के वो कलाकार है जिस ने दो नेशनल एवार्ड जीते हो|
‘फुल और काटे’ से पहले 1985 में आई ‘प्यारी बहना’ फिल्म में अजय मास्टर छोटू’ के नाम से काम कर चुके है|
फिल्म ‘विजयपथ’ की तारीखे अगर अजय देवगन राकेश रोशन को देते तो ‘करन अर्जुन’ फिल्म में सलमान खान वाला ‘करन’ का रोल अजय को दिया जा रहा था|
आसपास के लोगो का सुने तो अजय एक गंभीर और बहुत कम बोलनेवाला इन्सान है, लेकिन वास्तविक दुनिया में अजय जैसा ‘प्रेंक स्टार’ कोई नहीं है|
एक दिलचश्प बात अजय ने एक टोक शो में कही थी की बोलीवुड की सफल फिल्मो में से एक और उन की पत्नी काजोल की फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे’ उन्होंने आज तक नहीं देखी है|
‘बाजीराव मस्तानी’ में बाजीराव का रोल अजय करनेवाले थे|
‘गोलमाल’ फ्रेंचाइजी’ के रोहित शेट्टी और अजय बचपन के दोस्त है|
बोलीवुड में कहा जाता है की अजय जैसी ‘नशीली आखे’ किसी कलाकार की नहीं है| शायद इसीलिए एक बार ‘वन्स अपोन अ टाइम इन मुम्बई’ फिल्म की शूटिंग के दौरान कंगना रनौत भी उन के प्यार में गीरी..लेकिन अजय अपनी पत्नी से वफादार ही रहे और बाद में कंगना ने भी स्वीकार किया की एक परिणित के प्यार में गिरना उस की बेवकूफी थी|
फिल्मो में एक हाथ से दश दश को पीटनेवाला, दो मोटरसाइकल, दो मोटर पर सवार होते हुवे बड़े बड़े स्टंट करनेवाला अजय वास्तविक जीवन में लिफ्ट से डरता है यानी उसे लिफ्ट का फोबिया है| एक बार लिफ्ट दुसरे या तीसरे माले से सीधी गिरती हुई बेजमेंट पर जा गीरी थी और अजय फस गया था| तब से अजय सीढियों से ही ऊपर जाते है और लिफ्ट का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते|
अजय बेहद शांत और मजाक प्रिय और अपनी फेमिली से बहुत प्यार करनेवाला इन्सान है| एक्टिंग में भी दमदार कलाकार है| तब्बू आज भी उसे उतना ही प्यार करती है जितना कोलेज के वक्त....शायद इसीलिए अभी भी तब्बू ने शादी नहीं की है|
2. तब्बू: जन्म: 4 नवम्बर 1971, हैदराबाद (आन्ध्र प्रदेश, अभी का तेलंगाना), हाल आयु: 51 साल|
तब्बू का मूल नाम तबस्सुम फातिमा हाशमी है| तबु विख्यात शायर कैफ़ी आझमी की बेटी शबाना आझमी की भतीजी है| 80 शतक की ऐक्ट्रेस फाराह (फाराह खान नहीं, बल्कि फाराह नाम की अभिनेत्री भी थी जिस ने दारासिंह के बेटे विन्दु दारासिंह से शादी की है) की सगी छोटी बहन है| माता का नाम रिझवान नाज है पिता का नाम जमाल हाशमी है| जमाल हाशमी शबाना आझमी के सगे भाई है| क्युकी डायवोर्स की वजह से जमाल हाशमी और रिझवान नाज साथ में नहीं है...इसीलिए तब्बू अपने पिता से सख्त नफ़रत करती है और अपने नाम के पीछे हाशमी कभी नहीं लिखवाती| तब्बू के पैदा होने के कुछ वक्त के बाद ही उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए थे। उनके तलाक के बाद तब्बू अपनी मां के पास ही रहीं और उन्होंने इसके बाद अपने पिता का चेहरा कभी नहीं देखा। तब्बू कहती हैं कि उनकी मां ही उनके लिए पिता भी हैं, और अब उनकी इच्छा ही नहीं है कि वह अपने पिता को देखें भी।
कोलेज के वक़्त से ही तब्बू अजय के प्यार में थी और शायद इसीलिए तब्बू ने आज तक शादी नहीं की है|
तब्बू की पहली फिल्म थी ‘बाजार’ (1982), लेकिन उसे सही ब्रेक दिया विख्यात कलाकार और डायरेक्टर देव आनंद साहब ने अपनी फिल्म ‘हम नौ जवान’ (1985) उस वक्त तब्बू केवल 14 साल की थी| इस फिल्म में उन्होंने दिग्गज अभिनेता देव आनंद की बेटी की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में महज 14 साल उम्र में उन्होंने एक रेप पीड़िता का किरदार निभाया था। क्युकी 80 के दशक में उस की बड़ी बहन फाराह जमी हुई थी...इसीलिए 80 में वो बहुत कम फिल्मो में वो दिखाई दी| तब्बू की पहली मुख्य ऐक्ट्रेस वाली फिल्म तेलुगु फिल्म व्यंकटेश के साथ ‘कुली नम्बर 1’ (1987) थी|
श्रीदेवी के पति और अनिल कपूर के बड़े भाई, जहान्वी कपूर के पिताजी और विख्यात प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने उस दौरान दो फिल्मो का एलान किया पहले ‘रूप की रानी चोरो का राजा’ जिस में उस ने श्रीदेवी को अनिल कपूर के साथ लिया और अपने छोटे भाई संजय कपूर के साथ फिल्म ‘प्रेम’ के लिए तब्बू को साइन किया| पहले रू.रा.चो.रा. (ये 90 के दशक में भी इसी नाम से बोला जाता था) रिलीज हुई और सुपर फ्लॉप हुई| जब की प्रेम के निर्माण में 8 साल लग गये| उस दौरान तब्बू की पहली हिन्दी फिल्म ‘पहला पहला प्यार’ रिलीज हो गई| इस फिल्म में तब्बू ऋषि कपूर के साथ लीड रोल में थी लेकिन फिल्म बुरी तरह पीट गई| प्रेम रिलीज हो उस के पहले तब्बू की एक और फिल्म आई ‘विजयपथ’ जिस में अजय देवगन थे (ये अजय की दूसरी फिल्म थी)| इस फिल्म का गीत ‘रुक रुक रुक...अरे बाबा रुक...’ से तबु छा गई और तब्बू को उस वक्त ‘रुक रुक गर्ल’ कहा जाता था | विजयपथ के सारे गाने सुपर हिट हुवे और उतना ही नहीं फिल्म ब्लोक बस्टर हीट हुई| लेकिन दूसरी ओर प्रेम सुपर फ्लॉप हो गई|
बाद में तब्बू ने हिन्दी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, मराठी, इंग्लिश और बंगाली भाषाओं में फिल्मे की| मै कहूँगा की 90 के दशक में तब्बू उतनी सफल ऐक्ट्रेस नहीं थी...क्युकी 80 में श्रीदेवी और 90 में माधुरी दिक्षित का ज़माना था| माधुरी के बाद करिश्मा, करीना, वगैरह मुख्य ऐक्ट्रेस और साइड में रवीना टंडन, शिल्पा शेट्टी जैसी ऐक्ट्रेस होते हुवे तब्बू को इतनी सफलता नहीं मिल पाई| फिर भी तब्बू ने जरुर एक अपना अलग मुकाम बनाया हुवा था|
लेकिन उम्र के दुसरे पड़ाव में तब्बू ने जो सफलता पाई है वो शायद ही किसी ने पाई हो| फिल्म जगत में कहा जाता है की उम्र के दुसरे पड़ाव में केवल माता और भाभी के रोल ही मिल पाते है...लेकिन दूसरी ओर तब्बू को देखिये....नेम शेक, चीनी कम, हेमलेट, हैदर, फितूर, भूल भुलैया 2, गोलमाल 4, अन्धाधुन, दृश्यम और दृश्यम 2, दे दे प्यार दे...ये सारी फिल्मो की स्क्रिप्ट ऐसा लगता है की तबु को ध्यान में रखकर लिखी गई हो|
कहा जाता है की बोलीवुड में नशीली आखे तबु की है वैसी शायद ही किसी ओर ऐक्ट्रेस की हो|
1998 में, तब्बू पर हम साथ साथ हैं के फिल्मांकन के दौरान सह-कलाकारों सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे और नीलम कोठारी के साथ राजस्थान के जोधपुर जिले के कांकाणी गाँव के बाहरी इलाके में दो काले हिरणों का अवैध शिकार करने का आरोप लगाया गया था। एक निचली अदालत ने उन पर अन्य लोगों के साथ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और आईपीसी के तहत आरोप लगाए। उसने एक सत्र अदालत के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी जिसने उसे वन्यजीव अधिनियम की धारा 51 (वन्यजीवों को नुकसान पहुँचाना) और भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगाई के लिए सजा) और 149 (व्यक्तियों का गैरकानूनी जमावड़ा) दोनों से मुक्त कर दिया था। राजस्थान राज्य सरकार ने फिर जोधपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर की, जिसने फिर से उसके खिलाफ धारा 149 जोड़ दी, जिसे पहले हटा दिया गया था। दिसंबर 2012 में, जोधपुर अदालत ने 4 फरवरी 2013 को संशोधित आरोपों के साथ मुकदमे की शुरुआत के लिए उसे सभी आरोपियों के साथ बुलाया। हालांकि तब्बू को 5 अप्रैल 2018 को काला हिरण शिकार मामले में बरी कर दिया गया था, राजस्थान उच्च न्यायालय ने उन्हें 11 मार्च 2019 को उनकी रिहाई को चुनौती देते हुए एक नोटिस जारी किया था। इस केस में सलमान खान मुख्य आरोपी के तौर पर उसे 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई है लेकिन हाल जामिन पर है और अभी भी मुकदमा चल रहा है|
तब्बू को 2011 में ‘पद्मश्री’ से नवाजित किया गया था| 1997 की फिल्म ‘माचीस’ और 2003 मुंबई बार गर्ल पर आधारित फिल्म ‘चांदनी बार’ के लिए तब्बू को नॅशनल एवार्ड मिला हुवा है| एलियंस ऑफ़ विमेन फिल्म जर्नालिस्ट की ओर से फिल्म ‘ध नेमसेक’ का ‘बेस्ट सीडकशन एवार्ड’ (इरफान खान के साथ) मिला था| ऐशियन फिल्म एवार्ड्स में फिल्म ‘हैदर’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस का एवार्ड जीता| एशिया विजन की ओर से आउट स्टेंडिंग परफोमंस का एवार्ड फिल्म दृश्यम के लिए मिला| माचीस और चांदनी बार के लिए बंगाल फिल्म जर्नालिस्ट की ओर से भी बेस्ट ऐक्ट्रेस क एवार्ड पाया| बोलीवुड मूवी एवार्ड की ओर से फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस, अस्तिव फिल्म के लिए बेस्ट ऐक्ट्रेस क्रिटिक्स, और अस्तित्व के लिए ही मोस्ट सेंसेशनल ऐक्ट्रेस का एवार्ड पाया|
फिल्म फेयर एवार्ड :
1. विजयपथ बेस्ट डेब्यू ऐक्ट्रेस,
2. विरासत बेस्ट ऐक्ट्रेस क्रिटिक्स
3. हु तू तू
बेस्ट ऐक्ट्रेस क्रिटिक्स
4. अस्तित्व बेस्ट ऐक्ट्रेस क्रिटिक्स
5. चीनी कम बेस्ट ऐक्ट्रेस क्रिटिक्स
6. हैदर बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस
7. निन्ने पेल्लादुथा बेस्ट ऐक्ट्रेस तेलुगु
फिल्म फेयर
8. अला वैकुंथापुर्रामुल्लू बेस्ट सपोर्टिंग
ऐक्ट्रेस तेलुगु
इंडियन फिल्म फेस्टिवल इन मेलबोर्न में फिल्म अन्धाधुन के लिए बेस्ट ऐक्ट्रेस का एवार्ड जीता
इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडेमी एवार्ड फिल्म चांदनी बार
में बेस्ट ऐक्ट्रेस और हैदर में सपोर्टिंग रोल के लिए एवार्ड जीता|
प्रोड्यूसर्स गिल्ड एवार्ड्स फिल्म हैदर और दृश्यम के लिए एब्स्त सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस के लिए जीते|
स्क्रीन एवार्ड
फिल्म बेस्ट ऐक्ट्रेस फिल्म अस्तित्व के लिए,
बेस्ट ऐक्ट्रेस क्रिटिक्स फिल्म चीनी कम, बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस
फिल्म हैदर, जोड़ी नंबर 1
एवार्ड शाहिद कपूर के साथ फिल्म हैदर के लिए पाये|
स्टार डस्ट
एवार्ड बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस के लिए फिल्म हैदर के लिए मिला|
झी साइन एवार्ड्स फिल्म अस्तित्व और चांदनीबार के लिए फेस्ट एक्ट्रेस, अंधाधुन फिल्म के लिए बेस्ट परफोर्मन्स इन नेगेटिव रोल के लिए पाया|
तब्बू के बारे में शायद ही कोई यह बात जानता होगी कि उन्हें परफ्यूम कलेक्ट करना बहुत पसंद है। उनके घर में भी ढ़ेरों परफ्यूम भरे पड़े हैं।
तब्बू के एक बार काफी सुर्खियों में छा गई थीं। उस समय वह अपनी बहन फराह के साथ एक फिल्म की शूटिंग पर गई थीं। तभी उन्होंने जैकी श्रॉफ पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। हालांकि इस मामले कोई केस नहीं दर्ज करवाया और न ही तब्बू इस बारे में कभी कोई बात की। लेकिन इसके बाद जैकी श्रॉफ और तब्बू ने कभी साथ काम नहीं किया।
चलिये आज तब्बू
के लिए इतना ही....वैसे कमाल की ऐक्ट्रेस जरुर बन चुकी है....पहले 90 में ये जलवा
नहीं था| जाते जाते बता
दू की फिल्म ‘नेमशेक’ होलीवुड की फिल्म है...लेकिन उस फिल्म की दिग्दर्शिका मीरा
नायर हिन्दुस्तानी है|
3. अक्षय खन्ना : जन्म: 28 मार्च 1975, बोम्बे (हाल मुंबई) महाराष्ट्र, हाल आयु: 47 साल| पिता: विनोद खन्ना विख्यात कलाकार और माता: गीतांजली, बड़े भाई: राहुल खन्ना (कलाकार है)| पिताजी की दूसरी पत्नी कविता दफ्तरी के भी अक्षय खन्ना को एक भाई ‘साक्षी खन्ना’ और बहन ‘श्रद्धा खन्ना’ है|
अक्षय खन्ना एक प्रशिक्षित अभिनेता हैं क्योंकि उन्होंने किशोर नमित कपूर अभिनय संस्थान में अभिनय का अध्ययन किया है जो मुंबई, भारत में स्थित है।
प्रख्यात बोलीवुड एक्टर और डायरेक्टर फिरोज खान, हृतिक रोशन के पिताजी राकेश रोशन और विनोद खन्ना ने एक ही स्क्रिप्ट को तोड़-मरोड़कर अपने अपने बेटे को लौंच किया| तीनो फिल्मो की एक ही स्टोरीलाइन थी की एक पात्र मर जाता है और उस का ही हमशकल बाद में परदे पर आता है| फिरोज खान ने अपने बेटे फरदीन खान को लेकर ‘जानशीन’ फिल्म बनाई, राकेश रोशन ने हृतिक के लिए ‘कहो ना प्यार है’ बनाई और विनोद खन्ना ने अक्षय को लौंच किया फिल्म ‘हिमालय पुत्र’ से| उस में कहो न प्यार है सुपर डुपर ब्लोक बस्टर बनी और बाकी की दोनों फिल्मे बुरी तरह पिट गई|
हैरत की बात यह है की इस थीम पर पहली फिल्म बनी 1997 में ‘हिमालय पुत्र’, 2000 में ‘कहो ना प्यार है’ और 2003 में ‘जानशीन’| लेकिन हिट केवल एक ही हुई| लेकिन 1997 में ही जे.पी.दत्ता की सैनिको और देशभक्ति पर आधारित फिल्म ‘बोर्डर’ में मल्टी स्टार होते हुवे भी अक्षय खन्ना ने बेस्ट मेल डेब्यू का एवार्ड जीता| क्युकी अक्षय की पहली दोनों फिल्मे एक ही साल में रिलीज हुई थी|
बड़ी कम उम्र में ही अक्षय खन्ना के बाल जड़ गये थे| फिर भी इस कलाकार की फिल्म चुन ने की कला को मानना पड़ेगा| पिछले 25 सालो में केवल 44 फिल्मे की है अक्षय ने| लेकिन आप को मै कहूँगा की उस की एक एक फिल्मे देखनेलायक होती है| उस का अभिनय देखिये...काबिले तारीफ़ होता है| फिर चाहे ‘हमराज’ में नेगेटिव रोल हो....या ‘हंगामा’ में कोमेडी रोल हो...’ताल’ में ऐश्वर्या के गंभीर प्रेमी का रोल हो...या फिर ‘सेक्शन 375’ में वकील का...’दिल चाहता है’ में अपने से भी बड़ी औरत के साथ प्यार में गिरनेवाले टीन एजर का रोल हो या ‘गांधी माय फाधर’ में गंभीर रोल....’रेस’ में और ‘हमराज’ में विलेन का....एक से बढ़कर एक रोल निभाये है इस कलाकार ने|
राजकपूर फेमिली में राज कपूर के अलावा उस के बेटे रणधीर कपूर ने दो फिल्मो का दिग्दर्शन किया ‘कल आज और कल’ और जब राज कपूर चल बसे तब उस का एक फिल्म का अधुरा सपना पूरा करना था वो फिल्म थी ‘हीना’ जिसे भी रणधीर कपूर ने निर्देशन दिया| ठीक वैसे ही आर.के.स्टूडियो को पुनर्जीवित रखने के लिए ऋषि कपूर ने भी केवल एक फिल्म का निर्देशन किया और वो फिल्म आर.के. स्टूडियोज की अब तक की लास्ट फिल्म है...फिल्म का नाम है ‘आ अब लौट चले’ जिस में राजेश खन्ना और ऐश्वर्या राय के साथ अक्षय खन्ना ने काम किया है|
‘रेस’ फिल्म के पहले भाग में सैफ अलीखान के सामने नेगेटिव रोल भी अक्षय ने ही निभाया था|
स्टार स्क्रीन अवार्ड्स
1998: हिमालय
पुत्र के लिए बेस्ट मेल डेब्यू
2002: दिल
चाहता है के लिए विशेष जूरी पुरस्कार
2009: रेस के
लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक
आईफा पुरस्कार
2003: हमराज़
के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक
2009: रेस के
लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक
ज़ी सिने अवार्ड्स
1998 - बॉर्डर
के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता - जीता
1998 - बॉर्डर
के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरुष पदार्पण – जीता
अक्षय खन्ना आज भी कवारे है और करिश्मा कपूर का रिश्ता गया था लेकिन करिश्मा की माताजी बबीता को ये पसंद नहीं था की उन की बेटी की करियर ख़त्म हो जाये...इसीलिए यह रिश्ता कभी नहीं हो पाया| शादी के बारे में एक इंटरव्यू में अक्षय खन्ना ने कहा था की वो कभी शादी करना नहीं चाहेंगे क्युकी वे ज्यादा समय तक एक रिश्ते को नहीं निभा सकते| वैसे भी उन को अकेले रहना पसंद है| अक्षय को बच्चे भी ज्यादा पसंद नहीं है..इसीलिए भी वे शादी नहीं करना चाहते|
बेशक अक्षय खन्ना बेहतरीन कलाकारों में से एक है|
4. रिषभ शुक्ला: जन्म: 5 मार्च 1963, गोरखपुर, यु.पी.| हाल आयु: 59 साल|
जोगमाया शुक्ला, जो भारत की पहली महिला तबला वादक थीं और आगरा घराने के गायक शत्रुघ्न शुक्ला से पैदा हुईं, शुक्ला का परिवार दो साल की उम्र में गोरखपुर से दिल्ली चले गये। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और स्नातक की पढ़ाई S.G.T.B से की। खालसा कॉलेज, दिल्ली। उनका पेशेवर करियर 1984 में थियेटर में प्रवेश के साथ शुरू हुआ।
शुक्ला ने 1986 में ए व्यू फ्रॉम द ब्रिज (आर्थर मिलर), लुक बैक इन एंगर (जॉन ऑस्बोर्न), घासीराम कोतवाल (विजय तेंदुलकर) और हेवदन जैसे नाटकों में भूमिकाओं के साथ गंभीर थिएटर शुरू किया। 1991 में, वह NSD रिपर्टोयर कंपनी - राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पेशेवर विंग - में एक अभिनेता के रूप में शामिल हुए। अगले साल उन्हें पहला ब्रेक मिला, जब शेखर कपूर ने उनके काम से प्रभावित होकर ‘बैंडिट क्वीन’ में उनके लिए एक भूमिका तय की।
शुक्ला ने 1994 के दूरदर्शन क्राइम ड्रामा तहकीकात में विजय आनंद के साथी गोपी की भूमिका भी निभाई। श्रृंखला का निर्देशन करण राजदान ने किया था, लेकिन कपूर ने पहले एपिसोड का निर्देशन किया था। उन्होंने ज़ी टीवी के 9 मालाबार हिल में भी लिखा और अभिनय किया।
वह 1990 के दशक के दूरदर्शन टीवी धारावाहिक मुल्ला नसीरुद्दीन में आमिर के जासूस (सरदार के जासूस) की एक छोटी सी भूमिका में भी दिखाई दिए, जिसमें रघुबीर यादव मुख्य भूमिका में थे। श्रृंखला मुल्ला नसीरुद्दीन की लोककथाओं पर आधारित थी।
शुक्ला एक कॉमिक थिएटर प्ले 2 टू टैंगो, 3 टू जिव का भी हिस्सा हैं।
1998 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ में कल्लू मामा की भूमिका में सौरभ छा गये| बाद में अनगिनत नेगेटिव और कोमेडी भूमिका के बाद राजू हिरानी की फिल्म और आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पी.के.’ में सौरभ ने मुख्य नेगेटिव भूमिका निभाई और उन्हें बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला|
सौरभ शुक्ला ने अनगिनत फिल्मो की पटकथा भी लिखी है| उतना ही नहीं कुछ फिल्मो के डायरेक्टर भी रह चुके है|
इस फिल्म दृश्यम 2 में सौरभ की बहुत छोटी भूमिका है...लेकिन दृश्यम 2 का सस्पेंस जान में सौरभ शुक्ला की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है|
तो दोस्तों....दृश्यम 2 जरुर देखे....और तीसरे का इन्तेजार भी करे....कुयुकी मै अब चलता हु....आप सभी को वर्ष 2023 की शुभकामनाओ के साथ आप सभी का आनेवाला वर्ष बहुत ही सफल और आप के सारे सपने पुरे करनेवाला साबित हो...इन्ही प्रार्थनाओं के साथ... फिर से मिलते है...नये साल में...कुछ नइ पुरानी फिल्मो को लेकर...तब त क.....ब..बाय...|
# नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-37
आँचल सोनी 'हिया'
04-Jan-2023 09:16 PM
Nice
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PHOENIX
05-Jan-2023 03:08 AM
Thanks
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भानुप्रिया सिंह
04-Jan-2023 07:12 PM
Behtarin rachana 👌
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PHOENIX
05-Jan-2023 03:07 AM
Thanks
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shweta soni
03-Jan-2023 07:18 PM
👌👌👌
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PHOENIX
04-Jan-2023 04:58 PM
Thanks
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